تاریخ انتشارشنبه ۱۰ مهر ۱۳۸۹ ساعت ۱۷:۲۸
کد مطلب : ۴۷۱
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हज़रत इमाम महदी (अ.स.) की हुकूमत
जब अँधेरों के बादल छट जायेंगे तो संसार को प्रकाशित करने वाले सूरज का उदय होगा और इस तरह इन्तेज़ार करने वाली आँखों को रौशनी मिलेगी।
जी हाँ ! ज़ुल्म, सितम, अत्याचार और बुराइयों से पूरा मुक़ाबेला करने के बाद न्याय व समानता पर आधारित हुकूमत स्थापित करने की बारी आयेगी। उस समय न्याय का राज होगा, ताकि हर चीज़ और हर इंसान को उसकी निश्चित जगह मिल जाये। हर चीज़ को उसका हक़ दिया जायेगा। अतः यह संसार और उस में रहने वाले लोग एक ऐसी हुकूमत को देखेंगे जो पूर्ण रूप से हक़ व अदालत और न्याय व समानता पर आधारित होगी। उस हुकूमत में किसी पर ज़र्रा बराबर भी ज़ुल्म व सितम नहीं होगा। वह हुकूमत ख़ुदा वन्दे आलम की जमाल व जलाल की सिफ़ातों का मज़हर (प्रदर्शन करने वाली) होगी और उस हुकूमत के अन्तर्गत इंसान अपनी भूली हुई समस्त इच्छाओं को प्राप्त कर लेगा।
प्रियः पाठकों ! हम इस अध्याय में चार विषयों पर अपने विचार प्रकट करेंगे।
1. हज़रत इमाम महदी (अ. स.) की विश्वव्यापी हुकूमत के उद्देश्य।
2. हज़रत इमाम महदी (अ. स.) की हुकूमत का संविधान।
3. न्याय व समानता पर आधारित उस हुकूमत के नतीजे।
4. उस हुकूमत की विशेषताएं।
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